Chhath Puja 2023 Live: छठ पूजा का चार दिवसीय अनुष्ठान आज से शुरू, रवियोग के संयोग में नहाय-खाय
Chhath Puja 2023 Live : छठ महापर्व सूर्य उपासना
छठ महापर्व सूर्य उपासना का त्योहार है. इसमें भगवान सूर्य के साथ छठी माई की विधि-विधान के साथ पूजा उपासना की जाती है
Chhath Puja 2023 Live : पवित्रता के साथ अनुष्ठान
छठ महापर्व में सूर्य देव की कृपा को प्राप्त करने के लिए बहुत ही पवित्रता के साथ अनुष्ठान किए जाते हैं. छठ पूजा में व्रती महिलाएं नाक तक सिंदूर लगाती हैं, जिसका बहुत ही खास महत्व है
Chhath Puja 2023 Live : केलवा के पात पर (Kerwa Ke Paat Pe)
इस छठ गीत को शारदा सिन्हा ने गाया है. हर राज्य में लोग इसे सुनते हैं और सूर्य देव की पूजा और अराधना करते हैं.
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके झुके
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके झुके
ए करेलु छठ बरतिया से झांके झुके
ए करेलु छठ बरतिया से झांके झुके
हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी
हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी
ए करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी
ए करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी
हमरो जे बेटवा कवन ऐसन बेटवा से उनके लागी
हमरो जे बेटवा कवन ऐसन बेटवा से उनके लागी
हे करेली छठ बरतिया से उनके लागी
हे करेली छठ बरतिया से उनके लागी
अमरुदिया के पात पर उगेलन सुरूज मल झांके झुके
अमरुदिया के पात पर उगेलन सुरूज मल झांके झुके
ए करेलु छठ बरतिया से झांके झुके
ए करेलु छठ बरतिया से झांके झुके
Chhath Puja 2023 Live : Chhath Puja 2023 Live : छठ गीत
हो दीनानाथ (Ho Deenanath) : इस छठ गीत को शारदा सिन्हा ने खूबसूरत आवाज दी है. उनके गीतों के बिना मानों छठ का महापर्व अधूरा है.
सोना सट कुनिया हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार
हे घूमइछा संसार
सोना सट कुनिया हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार
हे घूमइछा संसार
आन दिन उगइ छा हो दीनानाथ
आहे भोर भिनसार
आहे भोर भिनसार
आजू के दिनवा हो दीनानाथ
हे लागल एती बेर
हे लागल एती बेर
बाट में भेटिए गेल गे अबला
एकटा अन्हरा पुरुष
एकटा अन्हरा पुरुष
अंखिया दिएइते गे अबला
हे लागल एती बेर
हे लागल एती बेर
Chhath Puja 2023 Live : सूर्य और छठी मैय्या की पूजा
छठ का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर नहाय खाय से शुरू होता है. पंचमी को खरना,षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और सप्तमी को उगते सूर्य को जल अर्पित कर व्रत संपन्न किया जाता है. चार दिन चलने वाला इस पर्व में सूर्य और छठी मैय्या की पूजा की जाती है, इस दिन रखा जाने वाला व्रत बेहद कठिन माना जाता है, क्योंकि इस व्रत को 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए रखा जाता है.
Chhath Puja 2023 Live : सूर्य और छठी मैय्या की पूजा
आज नहाय-खाय है. कल खरना होगी, इसके बाद छठ व्रत रखा जाएगा. षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. सप्तमी को उगते सूर्य को जल अर्पित कर व्रत संपन्न किया जाता है. चार दिन चलने वाला इस पर्व में सूर्य और छठी मैय्या की पूजा की जाती है.
Chhath Puja 2023 Live : खरना छठ पूजा का दूसरा दिन
खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है, इस साल खरना 18 नवंबर को है. इस दिन का सूर्योदय सुबह 06 बजकर 46 मिनट और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा. खरना के दिन व्रती एक समय मीठा भोजन करते हैं, इस दिन गु़ड़ से बनी चावल की खीर खाई जाती है. इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर बनाया जाता है.
Chhath Puja 2023 Live : छठ मईया की आरती (Chhath Mata Ki Aarti)
जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
Chhath Puja 2023 Live : सूर्य देव की आरती Surya Dev ki Aarti:
सूर्य देव की आरती
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान,
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
Chhath Puja 2023 Live: छठ पूजा सामग्री लिस्ट
छठ पूजा के लिए कुछ ख़ास सामग्री की ज़रूरत होती है, जो इस उत्सव को पूर्ण बनाती है. प्रसाद रखने के लिए बांस की दो बड़ी टोकरियां, सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस या पीतल से बने बर्तन, दूध और गंगाजल के अर्घ्य के लिए एक गिलास, लोटा और थाली सेट , पानी वाला नारियल, पांच पत्तेदार गन्ने के तने, चावल, बारह दीपक या दीये, कुमकुम और अगरबत्ती, सिन्दूर, एक केले का पत्ता, केला, सेब, सिंघाड़ा, हल्दी, मूली और अदरक के पौधे, शकरकंद और सुथनी, सुपारी, शहद और मिठाई, गुड़, गेहूं और चावल का आटा, गंगाजल और दूध, ठेकुआ.
Chhath Puja 2023 Live: छठ पूजा धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का लोकपर्व
छठ पूजा धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का लोकपर्व है. छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य देने का विधान हैसूर्य देव को जगत की आत्मा कहा जाता है. सूर्य के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को आरोग्य, तेज और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है. छठ पूजा पर सूर्य देव और छठी माता के पूजन से व्यक्ति को संतान, सुख और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
Chhath Puja 2023 Live: छठ पूजा और व्रत के लाभ
छठ पूजा करने पर अद्भुत लाभ होता है. अगर संतान पक्ष से कष्ट हो तो भी ये व्रत लाभदायक होता है. अगर कुष्ठ रोग या पाचन तंत्र की गंभीर समस्या हो तो भी इस व्रत को रखना अच्छा माना जाता है. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति खराब हो उन लोगों को भी इस व्रत को जरूर रखना चाहिए.
Chhath Puja 2023 Live: नहाय खाय के दिन शुद्धता से संबंध
छठ व्रत से पहले नहाय खाय की परंपरा निभाई जाती है. आज के दिन व्रती नदी या तालाब में स्नान कर कच्चे चावल का भात, चना दाल और कद्दू या लौकी प्रसाद के रूप में बनाकर ग्रहण करती हैं. इस भोजन को बहुत शुद्ध और पवित्र माना जाता है. नहाय खाय का संबंध शुद्धता से है. इसमें व्रती खुद को सात्विक और पवित्र कर छठ का व्रत की शुरुआत करती हैं.
Chhath Puja 2023 Live: नहाय-खाय का महत्व
आज नहाय खाय है. इस दिन व्रती स्नान करके नए कपड़े धारण करती हैं और पूजा के बाद चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करती हैं. व्रती के भोजन करने के बाद परिवार के बाकी सदस्य भोजन करते हैं.
Chhath Puja 2023 Live: चार दिवसीय अनुष्ठान आज से शुरू
छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से हो जाती है, लेकिन षष्ठी और सप्तमी तिथि पर छठी मैया और सूर्य देव की विशेष उपासना की जाती है. चार दिवसीय अनुष्ठान आज से शुरू हो रहे है.
Chhath Puja 2023 Live: छठ पूजा करने की विधि
छठ पूजा में छठी मइया और सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए नाभ नींबू, नारियल, केला, ठेकुआ, गन्ना, सुथनी, सुपारी, सिंघाड़ा चढ़ाया जाता है. पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन शाम में सूर्य अर्घ्य से चौथे दिन सुबह अर्घ्य पर समापन होता है.
Chhath Puja 2023 Live: सृजन की उपासना का महापर्व छठ
छठ एक लोकपर्व है. सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पूजन डूबते सूरज का पहले किया जाता है, फिर उगते सूरज का होता है. प्रसाद रूप में सभी प्रकार के फल-फूल, सब्जिया, कद-मूल वगैरह होती है. नये तैयार गुड़ से बने पकवान चढ़ाये जाते है. मिट्टी तथा बांस के बर्तन ही काम में लिए जाते हैं.
खरना का प्रसाद ग्रहण कर रखा जाता है 36 घंटे का उपवास
व्रती गुड़ और खीर का प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे निर्जला उपवास रखती हैं. इस प्रसाद को बनाने में मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है. इसके साथ ही 19 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य भी कहते हैं. चौथे दिन यानी 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
संतान की समृद्धि और परिवार की खुशहाली का व्रत
छठ पूजा हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को होती है, लेकिन छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय होता है. इस साल नहाय-खाय आज 17 नवंबर को है. छठ पूजा का व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा संतान की समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है. छठ करने वाली महिलाएं नहाय खाय के दिन केवल एक बार भोजन करती है. दूसरा दिन खरना 18 नवंबर को किया जाएगा, इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला व्रत रखा जाता है. तीसरे दिन का उपवास पूरी रात चलता है और छत के व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है.
Chhath puja 2023 live: नहाय-खाय आज
छठ पूजा का यह महापर्व चार दिन तक चलता है, इसका पहला दिन नहाय-खाय होता है. इस साल नहाय-खाय आज 17 नवंबर को है.
Chhath puja 2023 live: खरना कल
खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है, इस साल खरना 18 नवंबर को है. खरना के दिन व्रती एक समय मीठा भोजन करते हैं, इस दिन गु़ड़ से बनी चावल की खीर खाई जाती है.
Chhath puja 2023 live: संध्या अर्घ्य का समय
छठ पूजा पर सबसे महत्वपूर्ण दिन तीसरा होता है. इस दिन संध्या अर्घ्य का होता है, इस दिन व्रती घाट पर आकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर को दिया जाएगा. 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा. इस दिन टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है.
Chhath puja 2023 live: उगते सूर्य को अर्घ्य
चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है, इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण का होता है. इस साल 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर होगा, इसके बाद ही 36 घंटे का व्रत समाप्त होता है.
Chhath puja 2023 live: नहाय-खाय आज
लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज नहाय खाय के साथ शुरू हो रहा है. छठ पूजा को लेकर घर से घाट तक साजसज्जा की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. बता दें कि छठ पूजा की नहाय खाय परंपरा में व्रती नदी में स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कर शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं. इस दिन व्रती के भोजन ग्रहण करने के बाद ही घर के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं.
रवियोग के सुयोग में मनेगा नहाय-खाय
ज्योतिष आचार्य राकेश झा नेकहा कि छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को कार्तिक शुक्ल चतुर्थी में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, धृति योग, जयद योग व रवियोग के सुयोग में पहलेदिन नहाय-खाय से होगा. 18 को सर्वार्थ सिद्धि योग में व्रती खरना करेंगे.